About Us - EG Classes

हमारे बारे में

इजी क्लासेज की स्थापना के उद्देश्य को जानने से पहले हमें उन समस्याओं को जानना पड़ेगा जिससे कि हिंदी मीडियम के छात्र-छात्राओं को गुजरना पड़ता है।
कुछ विशेष उदाहरणों को छोड़ दें तो ज्यादातर हिंदी माध्यम का छात्र आर्थिक रूप से उतनी सुदृढ़ पृष्ठभूमि का नहीं होता है। यह स्टूडेंट एक बार कोचिंग कर लेने के बाद दोबारा बेहतर विकल्प उपलब्ध होने के बाद भी उस तक अपनी आर्थिक असमर्थता के कारण नहीं पहुंच पाते।
शिक्षण जगत में बहुत से ऐसे लोगों ने निवेश किया हुआ है जो शिक्षा के महत्व को नहीं समझते उन्होंने पूंजी के आधिक्य के कारण एक प्रचार-युद्ध का माहौल बना रखा है, जिससे छात्रों को अच्छे शिक्षकों की पहचान देर से हो पाती है। अधिक प्रचार ने संस्थान की लागत को अत्यधिक बढ़ा दिया है, जिससे वह कम योग्यता के शिक्षकों को अपने यहां मौका देकर (क्योंकि उन शिक्षकों की आर्थिक मांग कम होती है) वह अधिक संख्या में छात्रों को क्लास रूम में बैठा कर अपना लाभ बढ़ाते हैं।
इससे बच्चों का शिक्षकों से संपर्क नहीं हो पाता और दूसरा परीक्षा के दृष्टिकोण से अनावश्यक पाठ्य-सामग्री को महीनों तक पढ़ाया जाता है। इससे छात्रों के ज्ञान में तो बढ़ोत्तरी होती नहीं, बल्कि वह भटक अवश्य जाता है।

प्रिंटेड मैटेरियल के नाम पर कुछ भी छाप कर दे दिया जाता है। यह सामग्री कचरे के ढेर के अलावा कुछ भी नहीं है, इसे पूरा पढ़ लेने के बाद भी अभ्यार्थी चयन स्तर के आसपास भी नहीं पहुंचते। इस सामग्री में गुणवत्ता से ज्यादा पैकेजिंग पर ध्यान दिया जाता है।

इसी कारण से ईजी क्लासेस में सबसे योग्य शिक्षकों द्वारा कम संख्या में छात्रों को पढ़ाया जाता है। मजे की बात यह है कि इन शिक्षकों से कमजोर या समस्तरी शिक्षकों से ही 400 से अधिक के बैच में बच्चों को पढ़वाया जाता है। छात्रों की कम संख्या शिक्षक-छात्र संवाद को आसान करती है।

शिक्षक छात्र संवाद का स्थान सीनियर-जूनियर छात्र संवाद नहीं ले सकता। छात्रों की अधिक संख्या सभी समस्याओं की जड़ है। सक्रिय व अक्रिय सीखने में हमेशा अंतर होता है। अधिक संख्या में पढ़ने से बेहतर है कि छात्र यू-ट्यूब या अन्य चैनल पर वीडियो देख लें। प्रत्येक छात्र पर अलग से ध्यान देने के लिए हम डायरी मैथड़ का सहारा लेते हैं, जिसमें प्रत्येक दिन अलग से छात्र को होमवर्क कराया जाता है। हम भारत के इकलौते संस्थान हैं जो पोर्टेबिलिटी फैसेलिटी देते हैं।